HomeNewsGanesh ji ki Kahani : विनायकजी की कथा 2023

Ganesh ji ki Kahani : विनायकजी की कथा 2023

Ganesh ji ki Kahani

Ganesh ji ki Kahani:  भगवान गणेश सुख,समृद्धि, वृद्धि, सिद्धि, वैभव, ज्ञान एवं आनंद का देव है. इनके पूजा के साथ कहानी सुनने से मनुष्य के जीवन से सभी विघ्न एवं कष्ट समाप्त हो जाते हैं. हर साल गणेश जी का यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इसलिए हिंदू धर्म के महिलाएं गणेश जी की पूजा और व्रत कथा पालन करती है. जब गणेश जी की पूजा होती है . तब गणेश जी की कहानी भी पढ़ी जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी की पूजा और कहानी सुनने और सुनाने से संसार में कोई भी समस्या नहीं होती है. इसलिए आज इस पोस्ट के जरिए गणेश जी की कहानी देने जा रहे हैं.

Ganesh ji ki Kahani
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गणेश जी की कहानी

एक बार एक आंधी बुढ़िया थी. उसका एक बेटा और बहु थे. बे बहुत गरीब थे. आंधी बुढ़िया गणेश भगवान की पूजा किया करती थी . गणेश जी बुढ़िया मां से साक्षात आकर कहते थे- बुढ़िया मां! तू जो चाहे सो मांग ले. इस पर बुढ़िया मां कहती थी. मुझे मांगना नहीं आता और क्या मांगू? किसके लिए मांगू? तब गणेश जी बोले- आपने बहू और बेटे से पूछ कर मांग ले तो बुढ़िया ने अपने बेटे और बहुत से पूछा तो बेटा बोला कि मां! धन मांग ले. बहू ने कहा मां! पोता मांग ले. बुढ़िया ने सोचा बेटा, बहू तो अपने मतलब के बातें कर रहे हैं.

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और उस बुढ़िया ने फिर पड़ोसियों से पूछा, तो पड़ोसियों ने कहा बुढ़िया मां ! तेरी थोड़ी सी तो जिंदगी है, क्यों मांगेगी तू धन और पोता. तू आपने लिए नेत्र मांग ले जिससे कि बची हुई सारे जिंदगी खुशी से व्यतीत हो जाएगी. इस पर बुढ़िया ने बेटे , बहू तथा पड़ोसियों की बातें सुन ली. और घर जाकर सोचा जिससे मेरा बेटा ,बहू हम सबका भला हो ऐसे ही चीजें मांग लूं और अपने मतलब की चीज भी मांग लूं.

तब दूसरे दिन श्री गणेश भगवान आए और बोले- सोच लिया माता? क्या मांगती है? हमारा वचन है जो भी तू मांगेगी सो पाएगी. गणेश भगवान का भजन सुनकर बुढ़िया मां बोली ! हे गणराज यदि आप मुझ पर प्रसन्न है तो मुझे 9 करोड़ की माला दे, अमर सुहाग दे, निरोगी काया दे, आंखों में प्रकाश दे, नाती पोता दे और समस्त परिवार को सुख दे, अंत में मुझे मोक्ष दे. बुढ़िया मां का वचन सुनकर गणेश जी थोड़ा सोचा और फिर हंसकर मुस्कुरा कर बोले- बुढ़िया मां तूने तो मुझे ठग लिया. तो चलो कोई बात नहीं जो तूने मांगा है वह सब कुछ तुझे मिल जाएगा. यह कहकर गणेश जी अंतर्ध्यान हो गए.

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कहानी का महत्व

सभी शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है और निर्विघ्नं रूप से कार्य को पूर्ण किया जाता है. इससे सिद्ध पता है कि यदि हम हर रोज संभव न भी हो तो सप्ताह में केवल एक बार भगवान गणेश की पूजा अर्चना और कथा कहानी करने चाहिए. इससे हमारे समस्त कार्य में उनकी सहायता प्राप्त होती है.

जो भी गणेश जी की सिद्ध व्रत पालन करता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस व्रत का पालन करने से कुमारी कन्या को मनपसंद वर मिलता है. पति पत्नी में परस्पर प्रेम और आकर्षण रहता है तथा उनकी गृहस्थी में सदा सुखी रहता है. निसंतान दंपति को पुत्र सुख प्राप्ति होता है. इस प्रकार महत्व गणेश जी की पूजा तथा कथा कहानी में है.

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