Babu Jagjivan Ram
Babu Jagjivan Ram: भारत देश के कोई महान नेताओं में एक बाबु जगजीवनराम जी है. जिनके व्यक्तित्व देश के लोगों को प्रेरणा प्रदान करता है । बाबु जगजीवन राम एक राष्ट्र्रीय नेता , स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय के परोपकार और वंचित वर्गों के मसीहा थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से बाबूजी के नाम से संबोधित क्या जाता था।
महात्मा गांधीजी के नेतृत्व में उन्होंने आजादी के लिए सक्रिय योगदान दिया । भारत छोड़ो आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है। 1936 में 28 साल की उम्र में ही उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य चुना गया था ।आज इन्ही व्यक्तित्व के बारे में जानेंगे।
Why are computers important in our life? in 2023
Babu Jagjivan Ram
जन्म
बाबु जगजीवन जी का जन्म 5 अप्रैल , १९०८ को वर्तमान बिहार के शाहाबाद जिले में हुआ था । इनका एक बड़ा भाई था और तिन बहनें थी । इनके पिताजी सोभिराम जी ब्रिटिश इंडियन आर्मी में काम करते थे । वाद में उन्होंने रिजाइन कर दिया और खेती करने लगे थे ।
बाबु जगजीवन जी का पढ़ाई की शुरुयात गांव के स्थानीय विद्यालयों में हुआ था । पिता जी के देहांत के वाद अपनी माँ के मार्ग दर्शक में जगजीवन राम ने आरा टाउन स्कूल से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक पास किया था । जाति आधारित का भेदभाव का सामना करते हुए जगजीवन राम ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से इंटर साइंस की परीक्षा सफल पूरे किए और बाद में कोलकाता विश्वविद्यालय स्नातक की उपाधि प्राप्त कि।
Babu Jagjivan Ram
संघर्ष
1934 में उन्होंने कोलकाता में अखिल भारतीय रविदास महासभा और ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लास लीग की स्थापना की है। इन संगठनों के माध्यम से उन्होंने वंचित वर्गों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने को प्रोत्साहित किया । साल 1946 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के अंतरिम सरकार में शामिल होने के बाद, वह 30 साल तक कांग्रेस मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य करते हैं। बाबूजी 1952 से 1984 तक लगातर संसद चुने गए । पांच दशक से अधिक समय तक सक्रिय राजनीति में रही ।
जगजीवन राम ने सामाजिक कार्यकर्ता, संसद और कैबिनेट मंत्री के रूप में देश की सेवा की । उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी कि श्रम ,कृषि ,संचार ,रेलवे या रक्षा जो भी मंत्रालय दिया गया । उन्होंने अपने प्रशासनिक दक्षता से संचालन किया और सदा सफल रहे । बाबूजी किसी भी मंत्रालय का समस्या का समाधान बड़ी कौशलता के साथ करते थे । मार्च 1977 से 22 अगस्त 1979 तक विदेश के उप प्रधानमंत्री रहे ।
अपने 50 बर्षो में राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अनंत है । उनका सम्पूर्ण जीवन राजनीतिक सामाजिक सक्रियता और विशेष उप्लोव्धियो से भरा हुआ है । जगजीवन राम जी का ऐसा व्यक्तित्व जिसने कभी भी अन्याय से समझता नहीं किया और दलितों के सम्मान के लिए हमेशा संघर्षरत रहे।
If you like this post then please share this post with your social media account. We publish news and career-related post on our website. Thank you.