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Bharat ki Khoj Kisne ki

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Bharat ki Khoj Kisne ki:  सोने की चिड़िया यानी भारत एक ऐसा देश जिससे सबसे प्राचीन संस्कृति वाला देश माना जाता है. लेकिन फिर भी भारत की खोज को लेकर देश विदेश में कोई अफवाह है कुछ लोगों का कहना है कि पुर्तगालियों ने भारत की खोज की थी तो कुछ लोगों का कहना है कि अंग्रेजों ने भारत की खोज की थी. इन्हीं सवालों का जवाब इस पोस्ट की जरिए बताएंगे.

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17 मई साल 1498 ईसवी को वर्तमान केरल राज्य के कालीकट तट पर समुद्र के रास्ते कुछ नाविकों ने कदम रखा जिसके बाद हमारे देश भारत की तकदीर ही बदल गई और इसकी कहानी कुछ अलग ढंग से ही लिखें जाने लगी. जब यूरोपियन सामुद्रिक नागरिक खोजकर्ता वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की थी. और बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि भारत का इतिहास तो हजारों साल पुराना है सदियों से यहां पर जनपद, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत के आधे राजाओं ने राजकीय था तो फिर कैसे भारत की खोज 1498 ईस्वी में कर सकता है.

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भारत में सदियों से जितने भी आक्रमणकारी जैसे सिकंदर, मंगोल आदि आते थे. वह हमेशा भारत को पश्चिम एशिया से भारत को जोड़ने वाले मशहूर रास्ते से आते थे. लेकिन 17 मई 1498 को वास्कोडिगामा ने समुद्र के रास्ते यूरोप से भारत के केरला राज्यों के कालीकट पहुंचकर एक समुद्री रास्ता ढूंढ था निकाला था. जिससे ही वास्तव में भारत की खोज माना जाता है.

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वास्कोडिगामा भारत पहुच ने का समय भारत अपने कृषि उत्पादन के लिए बहुत ज्यादा मशहूर हुआ करता था . विशेषकर मसालो जैसे कि कला मिर्च, इलायची, दालचीनी आदि के लिए बहुत ही प्रसिद्ध था. जिस कारण उस समय भारत के साथ व्यापार करने के लिए यूरोप तथा विभिन्न देशों की बातचीत लागी रहती थी. लेकिन उस वक्त एशिया के प्रमुख देशों यह सब व्यापार केवल स्थली मार्ग से ही होता था .

जिसे सिर्फ मुस्लिम शासक एवं व्यापार ही इस्तेमाल क्या करते थे. और मुस्लिम शासक उस मार्ग से यूरोपियों को व्यापार नहीं करने देते थे. लेकिन जब यूरोपीय लोग भारत में आने के बारे में और यहां के दौलत के बारे में सुनते थे तो वे भारत पूछने के लिए और भी उत्सुक हो जाते थे.

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इसलिए व्यापार मार्ग की समस्या को समाप्त करने के लिए कई यूरोपीय देशों ने यूरोप और भारत के मध्य एक समुद्री मार्ग खोजने का प्रयत्न शुरू कर दिया था. मगर कई सालों के प्रयासों के बाद भी कोई सफल नहीं हो सका, क्योंकि यूरोप में उस समय समुद्र को लेकर तरह-तरह की अफवाहे उठते रहते थे. 1960 दशक में पुर्तगाल के शहर signs में जन्मे वास्कोडिगामा ने भारत का समुद्री मार्ग ढूंढ कर यूरोप के सामने व्यापार का नया दौर शुरू कर दिया था. और हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया.

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