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Sabudana Kaise Banta Hai

Sabudana Kaise Banta Hai

Sabudana Kaise Banta Hai:  साबूदाना को ज्यादातर लोग खूब पसंद करते हैं. कुछ लोग इसे नाश्ते में खाना पसंद करते हैं तो वहीं कुछ लोग उसका घोल बनाकर उसे पीते हैं. साबूदाना हमारे हेल्थ के लिए बेहतरीन होता है. कई लोगों का यह मानना है कि यह साबूदाना समुद्र से निकला हुआ मोती होता है तो कुछ लोग कहते हैं कि यह चावल की तरह पेड़ में उगते हैं. आखिर साबूदाना कैसे बनते हैं ? इस विषय पर विस्तृत रूप से जाएंगे.

Sabudana Kaise Banta Hai

साबूदाना बनाने का प्रक्रिया

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साबूदाने में कैलोरीस की मात्रा ज्यादा होती है.साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है . लेकिन कम मात्रा में इसकी विटामिंस और प्रोटीन भी होते हैं.साबूदाना पौधों के जड़ों यानि की कसावा के जड़ों से बनाया जाता है. यह जमीन में जड़ों के द्वारा उगता है. उसके बाद प्रोसेसिंग के लिए फैक्ट्री में लाया जाता है श्रमिक के द्वारा. इनके फलों को कसावा रूट कहा जाता है. अभी इन कसावा रूट्स में मिट्टी लगा हुआ होता है. इसीलिए थारे कसावा रूट स्कोर पानी से स्प्रे करके अच्छी तरह धो लिया जाता है. उसके बाद सारे कसावा फलों को कन्वेयर के जरिए क्लीन मशीन में डाल देते हैं. यह क्लीन मशीन कसावा फलों के छिलके को निकाल देते हैं.

निकलने के बाद फिर से इनको पानी से साफ किया जाता है. जिससे उन पर मौजूद थोड़े गंदगी भी साफ हो जाता है. धो लेने के बाद इनका रंग बिल्कुल सफेद हो जाता है . और कोई इलाकों में तो यह काम हाथों से भी किया जाता है. उसके बाद सारे सिले छिले हुए कसावा रूट स्कोर एक चक्की मशीन में भेज देते हैं. जहां इनको माहीन पीसा जाएगा. चक्की मशीन में grinder करते समय केमिकल्स को भी मिलाया जाता है. ग्राइंड होने के बाद यह दुधिला रंग के गाड़े रूप में जमा हो जाता है. उसके बाद उसे रिफाइंड किया जाता है.

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रिफाइंड का प्रोसेस कंप्लीट होने के बाद जो पानी बचा हुआ होते हैं उसे नाली के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है. दूसरी ओर रिफाइंड करने के बाद जो गुदा निकलता है उसे धूप में या फिर मशीन में तब तक सुखाया जाता है, जब तक नमी के मात्रा 12% से घटकर ना हो जाए. सूखने के बाद कसावा का आकार बदल जाता है और काफी कठिन हो जाता है. फिर उससे पीसा जाता है. उसके बाद आरारोट में बदल जाता है. इसके बाद अंतिम चरण में अरारोट को साबूदाना में बदल दिया जाएगा.

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