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Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics

 

Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics

Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics:  हिंदू संप्रदाय के प्राय सभी भागों में गणपति उत्सव और गणपति पूजन के अवसर पर अनिवार्य रूप से गाए जाने वाली अति सुंदर और प्रसिद्ध आरती की रचना छत्रपति महाराज शिवाजी के गुरुदेव समर्थ स्वामी रामदास द्वारा की गई थी. प्रत्येक गणेशोत्सव में सभी भक्त सम्मिलित सूर से बहुत प्रेम पूर्वक और भावपूर्ण ढंग से इस आरती का पाठ करते है.

Lakshmi Ji ki Aarti आरती लक्ष्मी जी की

Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची ।
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।।

सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची ।
कंठी झरके माल मुक्ताफळाची ।।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।।

जय देव जय देव……

रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा ।।

हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया ।।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।। ।। 2

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।।

जय देव जय देव……

लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना ।
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना ।।

दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना ।।

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती ।
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती ।।

 जय देव जय देव…..। 

सुखकर्ता दुःख हर्ता मराठी गाने का हिंदी सरल अर्थ

Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics

Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics
Sukhkarta Dukhharta Marathi Lyrics

इस लिरिक्स के अनुसार अर्थ यह वनता है -गणपति जो सुख देने वाले . दुखों को हरने वाले . सभी विघ्नों – बधाओ से मुक्त करने वाले है तथा अपने आशिर्वाद स्वरूप सर्वत्र अपना स्नेह और प्यार फेलाने वाले है . जिनका सम्पूर्ण सुन्दर लाल -सिंदूरी वर्णों का है तथा जिन्होंने कंठ में अति सुन्दर मोतियों का हार धारण किया हुआ है . भगवान की ऐसे मंगल की साक्षात प्रतिनिधिप्रतिमूर्ति की प्रार्थना करे जिनके दर्शन मात्र से ही समस्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है .

हे गौरी पुत्र , रत्नों से जडित मुकुट आपके लिए है . आपके शरीर पर चन्दन का लेप लगा हुआ है और मस्तक पर कुमकुम तथा केशर का तिलक लगा हुआ है . आपका हीरे जडित सुंदर सा मुकुट शोभायमान है तथा आपके चरण कमलों से निकलती पायल की नूपुर रुनझुन ध्वनि बहुत मनमोहक है . भगवान की ऐसे मंगल की साक्षात प्रतिमूर्ति की प्रार्थना करे जिनके दर्शन मात्र से ही समस्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है .

हे देवा ! आपका उदर बड़ा है .तथा अपने पीले रंग की धोती धारण की हुई है .आपकी सरल एवं मुड़ी हुई सूंड है . आप त्रिनेत्रधारी है .रचयिता रामदास कहते है की मैं आपकी साधना में यह लिख रहा हूं.भगवान की ऐसे मंगल की साक्षात प्रतिमूर्ति की प्रार्थना करे जिनके दर्शन मात्र से ही समस्त कामनाएं पूर्ण हो जाती है.

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