नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो लिरिक्स || nagri ho ayodhya si lyrics
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो लिरिक्स
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो….
हो त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो.
और लव कुश के जैसी, संतान हमारी हो(2)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.(2)
श्रद्धा हो श्रवण जैसी, शबरी सी भक्ति हो.(2)
और हनुमत के जैसी निष्ठा और शक्ति हो.(2)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.
मेरी जीवन नैया हो, प्रभु राम के खिवैया हो.(2)
और राम कृपा की सदा मेरे सिर पर छैया हो.(2)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.
सरयू का किनारा हो, निर्मल जल धारा हो.(2)
और दर्श मुझे भगवान हर घड़ी तुम्हारा हो(2)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के, जहां मेरा ठिकाना हो
कौशल्या सी माई हो, लक्ष्मण सा भाई हो.(2)
और स्वामी तुम्हारे जैसा मेरी रघुराई हो,(2)
नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो ,
चरण हो राघव के. जहां मेरा ठिकाना हो.
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nagri ho ayodhya si lyrics|| संपूर्ण व्याख्या
संपूर्ण व्याख्या: इस भजन संगीत (music) चरण में कहां है श्री राम जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya) के प्राकृतिक रूप एवं महापुरुषों का जन्म स्थान । रघुकुल वंश का परंपरा रघु राजा जैसा चरण हो जहां मेरा ठिकाना होगा। श्री राम जी का माई जैसा हो और राम जी का माता कौशल्या जैसी माता हो । सीता माता (mother sita) का स्वामी श्री राम जैसा हो । भरत जैसा त्यागी भाई हो और माता सीता जैसी सो भाग्यवती हो जिन्होंने लव और कुश जैसे संतान का जन्म दिया हो। पवन पुत्र हनुमान (hanuman) जैसा शिष्य श्रद्धा बान शक्तिमान भक्ति और निष्ठावान हो।
रामायण एक संस्कृत महाकाव्य है। जिसकी रचना महर्षि बाल्मीकि की थी । हिंदू धर्म में रामायण(Ramayana) का एक महत्वपूर्ण स्थान है और रामायण का मूल श्रेय श्री राम को दिया जाता है । श्री राम का जन्म हुआ था अयोध्या में ,बहुत समय पहले की वाद है सरयू नदी के किनारे कौशल्या नाम का राज्य था जिसकी राजधानी अयोध्या थी।
अयोध्या नगरी
अयोध्या का राजा का नाम दशरथ था जिन की तीन पत्नियां थी उनकी पत्नियों का नाम था- कौशल्या, कैकई और सुमित्रा। उसके बाद राजा दशरथ को चार पुत्र प्राप्त हुए थे। उनकी पहली पत्नी कौशल्या से प्रभु श्री राम, कैकेई से भारत और सुमित्रा से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ उनके चारों पुत्र दिव्य शक्ति से परिपूर्ण और यश से पूर्ण थे ।
इसी रामायण का संपूर्ण वर्णन इन ”नागौरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घरना हो लिरिक्स” में दिया गया है । श्री राम जी का जो परिवार तथा संपूर्ण जीवन शैली, कहानी इत्यादि विषय का वर्णन भजन संगीत के माध्यम से मिलते हैं।
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